चिंगशाम, जिसे कीपाओ के नाम से भी जाना जाता है, केवल एक परिधान नहीं है; यह इतिहास, संस्कृति और फैशन के निरंतर विकास का एक जीता-जागता प्रमाण है। शंघाई की सड़कों पर अपनी विनम्र शुरुआत से लेकर आज दुनिया भर के उच्च फैशन रनवे पर एक प्रतिष्ठित प्रतीक के रूप में अपनी जगह बनाने तक,
Changshan
चीनी पोशाकों की दुनिया में, जहाँ च्योंगसम (या क़िपाओ) अपनी सुंदरता और नारीत्व के लिए जाना जाता है, वहीं इसका एक मर्दाना समकक्ष भी है जो उतना ही समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक महत्व रखता है – चांगशान। यह लेख इस पारंपरिक पुरुष पोशाक की गहराई में जाएगा, इसके ऐतिहासिक मूल, सांस्कृतिक पहचान और आधुनिक संदर्भ
Cheongsam on Red Carpet (1)
चियोंगसम, जिसे अक्सर चीनी पोशाक के रूप में जाना जाता है, केवल एक कपड़ा नहीं है, बल्कि चीनी संस्कृति, पहचान और इतिहास का एक शक्तिशाली प्रतीक है। अपनी सुरुचिपूर्ण बनावट, विशिष्ट कॉलर और पारंपरिक चीनी सौंदर्यशास्त्र के साथ, यह दुनिया भर में फैशन और संस्कृति के चौराहे पर एक प्रतिष्ठित स्थान रखता है। हालांकि, हाल
चीनी पारंपरिक पोशाकें दुनिया भर में अपनी सुंदरता, जटिलता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जानी जाती हैं। हालांकि, इनमें से दो सबसे प्रतिष्ठित शैलियों – चियोंगसाम (जिसे क़िपाओ भी कहा जाता है) और हानफ़ु – के बीच अक्सर भ्रम पैदा होता है। जबकि दोनों चीनी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनकी उत्पत्ति, डिज़ाइन, ऐतिहासिक
एक समय था जब चीओंगसम, जिसे किपाओ भी कहा जाता है, को केवल पारंपरिक चीनी पोशाक के रूप में देखा जाता था, जिसे विशेष अवसरों पर पहना जाता था। अपनी आकर्षक सिल्हूट और जटिल डिज़ाइन के लिए जानी जाने वाली यह पोशाक 20वीं सदी के शंघाई के लालित्य और आकर्षण का प्रतीक थी। हालाँकि, फैशन
चियोंगसम, जिसे किपाओ के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रतिष्ठित चीनी पोशाक है जो अपनी सुंदरता, शालीनता और नारीत्व के लिए विश्व स्तर पर सराही जाती है। यह समय के साथ विकसित हुआ है, जो चीनी संस्कृति और फैशन का प्रतीक बन गया है। आजकल, चियोंगसम बाजार में इसकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण
चीन की यात्रा न केवल इतिहास, संस्कृति और आधुनिकता के संगम का अनुभव कराती है, बल्कि यह आपको कुछ अविस्मरणीय खरीदारी के अवसर भी प्रदान करती है। इन्हीं में से एक है प्रतिष्ठित चियोंगसम, जिसे किपाओ के नाम से भी जाना जाता है। यह चीन का एक पारंपरिक और बेहद खूबसूरत परिधान है, जो नारी
विंटेज चेओंगसम सिर्फ एक वस्त्र नहीं है; यह इतिहास का एक टुकड़ा है, लालित्य का प्रतीक है, और एक ऐसी कलाकृति है जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है। इन सुंदर परिधानों में अक्सर नाजुक कपड़े, जटिल कढ़ाई और अनोखे डिज़ाइन होते हैं जो बीते युग की याद दिलाते हैं। लेकिन उनकी सुंदरता को
चेओंगसम, जिसे किपाओ के नाम से भी जाना जाता है, केवल एक परिधान नहीं है; यह चीनी सौंदर्यशास्त्र, शालीनता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। अपने पतले सिल्हूट और जटिल विवरण के साथ, यह किसी भी अवसर पर पहनने वाली महिला की सुंदरता को बढ़ाता है। हालांकि रेडी-टू-वियर चेओंगसम आसानी से उपलब्ध हैं, लेकिन एक
पारंपरिक चीनी पोशाक, चीलोंगपाओ या जिसे हम आमतौर पर चीओंगसाम कहते हैं, सदियों से अपनी विशिष्टता और शालीनता के लिए जानी जाती है। यह एक ऐसा वस्त्र है जो केवल पूर्वी संस्कृति का प्रतीक नहीं, बल्कि वैश्विक फैशन मंच पर अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। पहले इसे विशेष अवसरों के लिए ही पहना
आजकल की आधुनिक दुल्हनें अपनी शादी के दिन सिर्फ़ पारंपरिक लाल रंग के चोंगसाम तक ही सीमित नहीं रहना चाहतीं। वे अपनी अनूठी शैली और व्यक्तित्व को दर्शाने के लिए नए और आकर्षक विकल्पों की तलाश में रहती हैं। चोंगसाम, जो कि एक क्लासिक चीनी परिधान है, समय के साथ विकसित हुआ है और अब
चियोंग्सम, जिसे अक्सर किपाओ के नाम से जाना जाता है, चीनी संस्कृति में एक कालातीत और प्रतिष्ठित परिधान है। अपनी सुरुचिपूर्ण बनावट, आकर्षक आकृति और जटिल विवरणों के लिए प्रसिद्ध, चियोंग्सम एक विशेष अवसर का पहनावा लगता है, जो केवल औपचारिक आयोजनों या सांस्कृतिक समारोहों के लिए आरक्षित होता है। हालाँकि, इसकी विशिष्ट सुंदरता और
छियोंगसाम, जिसे चीनी संस्कृति में ‘कीपाओ’ के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसी पोशाक है जो सदियों से अपनी कालातीत सुंदरता और स्त्रीत्व के लिए पूजनीय रही है। यह केवल एक कपड़ा नहीं, बल्कि चीनी शिल्प कौशल, इतिहास और फैशन का एक जीता-जागता प्रतीक है। रेशम की चिकनाई से लेकर ब्रोकेड के जटिल
चीओंगसम (या क़िपाओ) चीनी संस्कृति का एक प्रतिष्ठित परिधान है, जो अपनी सादगी और परिष्कार के लिए जाना जाता है। यह सिर्फ एक पोशाक नहीं, बल्कि एक कला का काम है जो पहनने वाले के रूप को निखारता है। लेकिन किसी भी पोशाक की तरह, चीओंगसम को भी सही सामान (accessories) की आवश्यकता होती है
चेओंगसाम, जिसे किपाओ के नाम से भी जाना जाता है, चीन के सांस्कृतिक इतिहास और फैशन विरासत का एक प्रतिष्ठित प्रतीक है। यह एक ऐसा परिधान है जिसने दशकों से अपने सुरुचिपूर्ण कट, शानदार सिल्हूट और नारीत्व के प्रतीक के रूप में अपनी पहचान बनाई है। 20वीं सदी की शुरुआत में शंघाई में अपनी उत्पत्ति
चीपॉओ, जिसे अक्सर चीन के पारंपरिक पहनावे के रूप में जाना जाता है, अपनी सुरुचिपूर्ण बनावट और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रतिष्ठित है। सदियों से, इसे अक्सर औपचारिक अवसरों और विशेष आयोजनों से जोड़ा जाता रहा है, जो इसकी भव्यता और शालीनता को दर्शाता है। हालाँकि, फैशन की दुनिया लगातार विकसित हो रही है, और
चीओंगसम, जिसे किपाओ के नाम से भी जाना जाता है, चीन की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक कालातीत प्रतीक है। यह सिर्फ एक परिधान नहीं है, बल्कि स्त्रीत्व, लालित्य और बदलते समय के साथ चीन के विकास का प्रतीक है। आधुनिक चीनी कला में, चीओंगसम चित्रकारों और फोटोग्राफरों के लिए प्रेरणा का एक शक्तिशाली स्रोत
चीनी और प्रवासी साहित्य में चीपई (चीपाओ) एक ऐसा वस्त्र है जो केवल पहनावे से कहीं अधिक है; यह संस्कृति, पहचान, परंपरा, और आधुनिकता के जटिल ताने-बाने को बुनता है। यह मात्र एक परिधान नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में उभरा है, जो अपने रेशमी स्पर्श और आकर्षक सिल्हूट के माध्यम से
The World of Suzie Wong
सिल्वर स्क्रीन पर कुछ पोशाकें महज कपड़े नहीं होतीं, बल्कि वे कहानियों, संस्कृतियों और समय की आत्मा का प्रतीक बन जाती हैं। चियोंगसम (जिसे किपाओ भी कहते हैं) ऐसी ही एक कालातीत पोशाक है, जिसने दशकों से सिनेमाई दुनिया को मंत्रमुग्ध किया है। शंघाई की गलियों से निकलकर हॉलीवुड के सुनहरे परदे तक, इस सुरुचिपूर्ण
फिल्म ‘इन द मूड फॉर लव’ (In the Mood for Love) सिर्फ एक फिल्म नहीं है; यह एक दृश्य कविता है, एक ऐसा सिनेमाई अनुभव जो दर्शकों को 1960 के दशक के हांगकांग की धुंधली गलियों और रहस्यमयी कमरों में ले जाता है। वोंग कार-वाई द्वारा निर्देशित यह उत्कृष्ट कृति अपनी जटिल कहानी, मनमोहक छायांकन
चीओंगसाम, जिसे किपाओ के नाम से भी जाना जाता है, केवल एक परिधान नहीं है, बल्कि यह चीनी संस्कृति, स्त्रीत्व और लालित्य का एक सशक्त प्रतीक है। इसकी पहचान अक्सर इसकी विशिष्ट ऊँची गर्दन, फिटिंग वाली आकृति और कूल्हे से टखने तक गहरे कट (स्लिट) से होती है, जो इसे एक आकर्षक और मोहक रूप
चियोंगसम, जिसे ची पाओ के नाम से भी जाना जाता है, केवल एक परिधान नहीं है; यह चीनी सौंदर्यशास्त्र, इतिहास और शिल्प कौशल का एक बहुरंगी कैनवास है। अपनी सहज सुंदरता, परिष्कृत डिज़ाइन और शरीर पर सटीक फिटिंग के लिए प्रसिद्ध, यह दशकों से स्त्रीत्व और लालित्य का एक कालातीत प्रतीक रहा है। हालाँकि, समय
चियोंगसम, जिसे किपाओ के नाम से भी जाना जाता है, केवल एक परिधान मात्र नहीं है; यह चीनी महिलाओं के लिए सशक्तिकरण, परिवर्तन और मुक्ति का एक जीता-जागता प्रतीक है। 20वीं सदी की शुरुआत में अपनी उत्पत्ति से लेकर आज तक, चियोंगसम ने न केवल फैशन के रुझानों को दर्शाया है, बल्कि चीन में सामाजिक
चेओंगसम, जिसे किपाओ के नाम से भी जाना जाता है, केवल एक परिधान नहीं है, बल्कि चीनी संस्कृति, इतिहास और सौंदर्यशास्त्र का एक जीवंत प्रतीक है। अपनी सरल फिर भी परिष्कृत डिज़ाइन के कारण इसने दुनिया भर में पहचान हासिल की है। हालांकि, इसकी सच्ची गहराई इसके रंग, छपाई और कपड़े में निहित प्रतीकात्मकता में
चियोंगसाम, पूर्वी सौंदर्य और पश्चिमी आधुनिकता के एक बेजोड़ मिश्रण का प्रतीक, केवल एक परिधान से कहीं अधिक है। यह रेशम, सिलाई और संस्कृति के ताने-बाने से बुनी एक कहानी है, जो शंघाई की हलचल भरी गलियों से लेकर हांगकांग के चमकते क्षितिज तक फैली हुई है। इस सुरुचिपूर्ण पोशाक ने सिर्फ फैशन के रुझानों
Lust Caution
१९३० का दशक शंघाई के लिए एक ऐसा स्वर्ण युग था जब यह शहर न केवल "पूरब का पेरिस" कहलाया, बल्कि फैशन, संस्कृति और आधुनिकता का एक जीवंत केंद्र भी बन गया। इस दशक में, चीन का पारंपरिक परिधान चीओंगसाम (जिसे क़िपाओ भी कहते हैं) एक अभूतपूर्व परिवर्तन से गुज़रा और शंघाई की आधुनिक महिलाओं
चियोंगसाम, जिसे चीनी में ‘कीपाओ’ के नाम से जाना जाता है, केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि पूर्वी सुंदरता, शिष्टता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इसकी आकर्षक बनावट और नारीत्व को निखारने वाली शैली ने इसे विश्व भर में पहचान दिलाई है। एक समय चीनी शाही दरबारों और अभिजात वर्ग का परिधान रहा यह वस्त्र,
चियोंगसम, जिसे कीपाओ भी कहा जाता है, चीनी संस्कृति और फैशन का एक कालातीत प्रतीक है। अपनी सुंदर, फिटिंग वाली आकृति और विशिष्ट मैंडरिन कॉलर के साथ, यह दुनिया भर में लालित्य और स्त्रीत्व का पर्याय बन गया है। जहां बाजार में विभिन्न शैलियों और डिजाइनों में चियोंगसम उपलब्ध हैं, वहीं खुद अपना चियोंगसम सिलने
चोंगसाम, जिसे चीपाओ के नाम से भी जाना जाता है, चीनी संस्कृति और फैशन का एक कालातीत प्रतीक है। यह एक सुंदर, स्लिम-फिटिंग पोशाक है जिसमें अक्सर एक ऊंचा कॉलर और साइड स्लिट्स होते हैं, जो लालित्य और स्त्रीत्व का मिश्रण प्रस्तुत करती है। पारंपरिक चोंगसाम बनाना सिर्फ सिलाई करना नहीं है, बल्कि यह धैर्य,
पारंपरिक चीनी परिधान, हन्फ़ू, सदियों से चीनी संस्कृति और सौंदर्य का एक अभिन्न अंग रहा है। हाल के वर्षों में, हन्फ़ू में रुचि फिर से बढ़ रही है, न केवल चीन में बल्कि दुनिया भर में भी। यह सिर्फ एक कपड़ा नहीं है, बल्कि इतिहास, कला और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का एक संगम है। हन्फ़ू को
चियोंगसम, जिसे किपाओ के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रतिष्ठित चीनी पोशाक है जो अपनी सुन्दरता, शालीनता और नारीत्व के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। इसकी विशिष्ट कटिंग, ऊँची गर्दन और शरीर को कसकर फिट करने वाला डिज़ाइन इसे एक कालातीत क्लासिक बनाता है। यह सिर्फ एक परिधान नहीं, बल्कि चीनी संस्कृति
किपाओ, जिसे चेओंगसम के नाम से भी जाना जाता है, केवल एक परिधान से कहीं बढ़कर है; यह चीनी संस्कृति, इतिहास और शालीनता का एक जीवित प्रतीक है। अपनी विशिष्ट उच्च कॉलर, फिटिंग वाली सिल्हूट और आकर्षक साइड स्लिट्स के साथ, इसने दुनिया भर में ध्यान आकर्षित किया है। हाल के वर्षों में, किपाओ ने
चीनी वेशभूषा पार्टी में शामिल होना एक रोमांचक अनुभव हो सकता है, और आपके लुक को पूर्णता प्रदान करने में सही मेकअप की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चीनी सौंदर्यशास्त्र अपनी सूक्ष्मता, लालित्य और आँखों पर विशेष जोर देने के लिए जाना जाता है। चाहे आप किसी पारंपरिक पोशाक जैसे कि चेओंगसम (Qipao) पहन रही हों,
एशिया, विविध संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं का एक विशाल महाद्वीप है। यहाँ की सांस्कृतिक समृद्धि का एक महत्वपूर्ण पहलू इसके पारंपरिक परिधान हैं, जो न केवल कपड़ों का एक टुकड़ा हैं, बल्कि इतिहास, सामाजिक स्थिति, धार्मिक विश्वासों, जलवायु और कलात्मक कौशल का एक जीवंत प्रदर्शन हैं। हर देश और यहाँ तक कि हर क्षेत्र के
Manchu Changpao
एक पोशाक जो मात्र एक वस्त्र से कहीं अधिक है, वह चीनी संस्कृति, पहचान और समय के साथ हुए परिवर्तनों का एक जीवंत प्रतीक है। चीन की पारंपरिक पोशाक, जिसे चीपो (Qipao) या चेओंगसम (Cheongsam) के नाम से जाना जाता है, ने सदियों से एक उल्लेखनीय यात्रा तय की है। यह मंचू शाही दरबार की
Lust Caution
चियोंगसम, जिसे किपाओ के नाम से भी जाना जाता है, चीन की सबसे प्रतिष्ठित और पहचानने योग्य पोशाकों में से एक है। इसकी सुंदर बनावट, चिकनी रेखाएँ और नारीत्व का प्रतीक होने के कारण यह दुनिया भर में एक सांस्कृतिक चिह्न बन गया है। हालाँकि इसकी जड़ें चीन के शाही अतीत में गहरी हैं, लेकिन
Cheongsam on Red Carpet (1)
भीड़ में अलग दिखना हर किसी की चाहत होती है, खासकर जब बात फैशन और शैली की हो। ऐसे में, कुछ खास परिधान ऐसे होते हैं जो अपने आप में एक कहानी कहते हैं और पहनने वाले को भीड़ से बिल्कुल अलग खड़ा कर देते हैं। चेओंगसम या किपाओ एक ऐसा ही शानदार और कालातीत
चीपॉ, जिसे अक़्सर अंग्रेज़ी में ‘चेओंगसाम’ कहा जाता है, चीन की सांस्कृतिक विरासत का एक जीवंत प्रतीक है। यह सिर्फ एक परिधान नहीं, बल्कि सदियों के बदलाव, सामाजिक उथल-पुथल और महिलाओं की बढ़ती स्वतंत्रता की कहानी कहता है। अपने पारंपरिक चीनी मूल से लेकर समकालीन फैशन के वैश्विक मंच तक, चीपॉ ने एक उल्लेखनीय यात्रा
चीन का परिधान इतिहास अपनी विविधता और गहन सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, जो सदियों के विकास और विभिन्न राजवंशों तथा जातीय समूहों के प्रभावों का प्रमाण है। पारंपरिक चीनी वस्त्र न केवल शरीर को ढंकने का साधन रहे हैं, बल्कि सामाजिक स्थिति, व्यक्तिगत पहचान और दार्शनिक विश्वासों को भी दर्शाते हैं। रेशम, कपास
Manchu Changpao
चियोंगसम, जिसे किपाओ के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रतिष्ठित चीनी परिधान है जिसने किंग राजवंश के शाही दरबार से लेकर आधुनिक वैश्विक फैशन रनवे तक एक उल्लेखनीय यात्रा की है। यह सिर्फ एक कपड़ा नहीं है, बल्कि चीनी संस्कृति, सामाजिक परिवर्तन और महिलाओं की बदलती भूमिकाओं का एक जीता-जागता प्रमाण है। इसकी
एशिया, एक ऐसा महाद्वीप जो अपनी अपार सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है, पारंपरिक परिधानों के एक अद्भुत संग्रह का घर भी है। ये परिधान केवल कपड़े के टुकड़े नहीं हैं, बल्कि ये सदियों से विकसित हुई परंपराओं, सामाजिक मानदंडों, कलात्मक अभिव्यक्तियों और भौगोलिक अनुकूलन का एक जीवंत प्रतीक हैं। प्रत्येक
ओरिएंटल चियोंगसाम या चीपोंग, जिसे अक्सर इसके शाश्वत लालित्य के लिए सराहा जाता है, केवल एक परिधान से कहीं अधिक है; यह समय और संस्कृति का एक जीता-जागता प्रतीक है। रेशम की कोमलता, आकर्षक सिलुअट, और जटिल अलंकरणों के माध्यम से, यह पोशाक पूर्वी सौंदर्यशास्त्र और स्त्रीत्व की एक अनुपम अभिव्यक्ति बन गई है। सदियों
किसी भी खास अवसर पर सही पोशाक का चुनाव करना सिर्फ फैशन का मामला नहीं है, बल्कि यह आत्मविश्वास और आत्म-अभिव्यक्ति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक अच्छी तरह से चुनी गई पोशाक न केवल आपको भीड़ में अलग खड़ा करती है, बल्कि यह उस अवसर के प्रति आपके सम्मान और गंभीरता को भी
एशियाई विवाह समारोह दुनिया भर में अपनी भव्यता, सांस्कृतिक समृद्धि और गहरी परंपराओं के लिए जाने जाते हैं। इन समारोहों का एक अभिन्न अंग है दूल्हा और दुल्हन द्वारा पहने जाने वाली पोशाकें, जो न केवल उनकी सुंदरता को बढ़ाती हैं बल्कि उनके वंश, विश्वासों और क्षेत्र की अनूठी पहचान को भी दर्शाती हैं। जहां
प्राचीन चीनी और जापानी वेशभूषाएँ केवल वस्त्र नहीं हैं, बल्कि ये उन सभ्यताओं की कला, दर्शन और सामाजिक संरचना का दर्पण हैं। ये परिधान समय के साथ विकसित हुए, विभिन्न राजवंशों और कालों के सौंदर्यबोध, प्रौद्योगिकी और जीवनशैली को दर्शाते हुए। चीनी वेशभूषा अपनी भव्यता, विस्तृत कढ़ाई और प्रतीकात्मकता के लिए जानी जाती है, जो
किपाओ, जिसे चेओंगसम के नाम से भी जाना जाता है, केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि चीनी संस्कृति, इतिहास और फैशन का एक जीवंत प्रतीक है। यह अपनी सुरुचिपूर्ण बनावट, आकर्षक डिज़ाइन और विशिष्ट सिल्हूट के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। 20वीं सदी की शुरुआत में शंघाई में विकसित हुआ यह परिधान, चीनी महिला की
चेओंगसाम, जिसे अक्सर चीनी संस्कृति और सुंदरता का प्रतीक माना जाता है, एक ऐसा परिधान है जिसने अपनी अनूठी शैली और कालातीत अपील के साथ दुनिया भर में लोगों को मंत्रमुग्ध किया है। इसकी फिटिंग, ऊंची गर्दन और बगल की चीर इसे एक विशिष्ट पहचान देती है, जो सदियों पुरानी परंपरा और आधुनिक परिष्कार का
चीओंगसम, जिसे कीपाओ के नाम से भी जाना जाता है, केवल एक परिधान नहीं बल्कि चीनी संस्कृति, इतिहास और नारी सौंदर्य का एक जीवंत प्रतीक है। यह एक ऐसा वस्त्र है जिसने अपनी विनम्र शुरुआत से लेकर वैश्विक फैशन मंच पर अपनी पहचान बनाने तक एक लंबी और आकर्षक यात्रा तय की है। इसकी शैलीगत
चींगसम या किपाओ, जैसा कि इसे आमतौर पर जाना जाता है, चीन की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उसके फ़ैशन के विकास का एक जीवंत प्रतीक है। यह एक साधारण मंज़ू वेशभूषा से आधुनिक सुंदरता और वैश्विक पहचान का प्रतीक बन गया है। इस परिधान का विकास चीन के सामाजिक, राजनीतिक और कलात्मक परिवर्तनों की कहानी
चियोंगसाम या किपाओ, जैसा कि इसे आमतौर पर जाना जाता है, एक ऐसा परिधान है जिसने चीन के सांस्कृतिक परिदृश्य और विश्व फैशन दोनों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। यह सिर्फ एक पोशाक नहीं, बल्कि चीनी इतिहास, सामाजिक परिवर्तन और फैशन विकास का एक जीता-जागता प्रतीक है। इसकी सुरुचिपूर्ण, सुव्यवस्थित आकृति ने इसे दुनिया
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